Saturday 22 November 2014

ये मोहब्बत ....


ये मोहब्बत  .... 












फूलों  की तरह जो मुस्कराहट दे वो है मोहब्बत,
मुसकराहट से जिसके गम भूल जायें हम वो है मोहब्बत,
भूलकर भी जो दिल के पास रहे वो है मोहब्बत, 
पास न रह कर भी जो हमें ख़ुशी दे वो है मोहब्बत ।  

बंद आँखों में जिसकी तस्वीर है झलकती , वो है मोहब्बत,

आँखों में जिसकी संसार हों  बसे , वो है मोहब्बत,
ख़ामोशी जिसकी कह जाए हर कहानी , वो है मोहब्बत,
जुबानी जिससे खत्म हो हर ख़ामोशी, वो है मोहब्बत। 

जीवन का पहला पैगाम जिसके नाम वो है मोहब्बत, 
ज़िंदगी की आखरी सांस जिसके हवाले वो है मोहब्बत,
सांसे जिसकी खुशबू को  परवान , वो है मोहब्बत,
धड़कनें जिसके सांसों की  मोहताज़, वो है मोहब्बत। 

यादें जिसकी उम्र भर है  आती , वो है मोहब्बत,

वादे जिसकी भुलाने से और है गहराती , वो है मोहब्बत,
जो दिल सिर्फ दिल की जुबां कहे , वो है मोहब्बत,
हम रहे न रहें , वो रहें सदा आबाद , वो है मोहब्बत। 


आदित्य सिन्हा 
22 . 11 . 2014 
अलीगढ़ 


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